मेरी माँ
कुछ तो बात है माँ में, माँ यूँही मशहूर नहीं , ज़ज्बात से अपने सजाती घर को, यूँही तुलना आपकी भगवान के बराबर नहीं। एक ही बात पे बात बार आखों में आंसू भर के तो देखो, साथ मे रोने वाला मिलेगा कोई और नहीं। सपने मेरे , दुआएं माँ की, हर चौखट पर मेरे लिए प्राथना करने वाला मिलेगा कोई और नहीं। अपनी खुशियों को मुझपर न्यौछावर करने वाला मिलेगा कोई और नहीं। मुझसे बेइंतहा मोहब्बत करने वाला मिलेगा कोई और नहीं। मैं khudgarz हूं कि मेरे पास आपके लिए पहले जैसा वक़्त नहीं, फिर भी खिल उठती हो मेरे एक फोन से, ऐसा निस्वार्थी मुझे मिलेगा कोई और नहीं। माँ आपको मेरा सलाम है।